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  "सम्भल के इतिहास की एक बहुत ही संवेदनशील और दुखद घटना का जिक्र हम कर रहे हैं। 1978 के दंगों ने सम्भल में रहने वाले रस्तोगी समुदाय को बहुत गहराई से प्रभावित किया। इस संदर्भ में हमने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र की है: 1978 के सम्भल दंगे:  * सांप्रदायिक हिंसा: मार्च 1978 में, उत्तर प्रदेश, भारत के एक कस्बे सम्भल में, हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तीव्र सांप्रदायिक हिंसा का दौर चला।  इसकी असल वजह पर अभी भी बहस जारी है, लेकिन अंतर्निहित तनाव और विवाद व्यापक दंगों, आगजनी और हत्याओं में बदल गए।  * रस्तोगियों पर प्रभाव: सम्भल के दीपा सराय एवं ख़ग्गू सराय इलाके में रहने वाला रस्तोगी समुदाय इन दंगों में बुरी तरह प्रभावित हुआ। कई परिवारों ने अपने घर और व्यवसाय खो दिए, और दुख की बात है कि कुछ ने अपनी जान भी गंवा दी।  * जबरन पलायन: हिंसा से उपजे डर और असुरक्षा के कारण रस्तोगी समुदाय का सम्भल क्षेत्र से सामूहिक पलायन हुआ। उन्होंने अपने पुश्तैनी घरों और उस स्थान जहां पर वे पीढ़ियों से फल-फूल रहे थे, को पीछे छोड़कर दूसरे शहरों और कस्बों में शरण लेने हेतु बाध्य हुए। दीर्घका...

T1161_Shree Kumar Rastogi

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"जन्मभूमि की मिट्टी की सुगंध अंतःकरण को सुवासित करती है, किंतु क्रूरता एवं धार्मिक उन्माद के वीभत्स रूप की परिणीति स्वरूप, जब स्वयं की जन्मभूमि से जीवन रक्षार्थ पलायन अपरिहार्य हो जाए, तब आगे का जीवन नीरस होकर शून्यता के नेपथ्य में विलीन हो जाता है, ऐसा ही दृश्य उत्तर प्रदेश के सम्भल में 1978 के धार्मिक उन्माद में क्रूरता की पराकाष्ठा में हुए दंगों के कारण कश्मीर के पंडितों की भांति सम्भल से रस्तोगी समाज के परिवारों के पलायन की बाध्यता में देखने को मिला।" Translated in English  The fragrance of the soil of the birthplace makes the conscience fragrant, but as a result of the gruesome form of cruelty and religious fanaticism, when migration from one's birthplace to save life becomes inevitable, then the life ahead becomes dull and merges into the background of emptiness. A similar scene happened in Sambhal, Uttar Pradesh in 1978Due to the riots that took place at the height of cruelty in religious frenzy, families of Rastogi community were forced to flee from Sambhal like t...

T1161_Shree Kumar Rastogi

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 "जब युवा ऊर्जा का पूर्ण परिसंचरण सम्पूर्ण मनोयोग के साथ वांछित लक्ष्य संधान हेतु एकाग्रचित हो, एकलव्य और अर्जुन द्वारा सृजित मार्ग एवं दिशा में हो, तो सफलता स्वयं ही कदम चूम लेती है, ऐसा ही दृश्य विश्व शतरंज चैंपियनशिप प्रतियोगिता में, भारतीय युवा डी गुकेश ने कर दिखाया।" Translated in English  When the complete circulation of youth energy is concentrated towards achieving the desired goal with complete dedication, in the path and direction created by Eklavya and Arjun, then success automatically follows, a similar scene was seen in the World Chess Championship competition, Indian youth D Gukesh. Did it.

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  "शाश्वत अविनाशी ईश्वरीय अंश का प्रादुर्भाव, पंच महाभूत तत्वों के अंगीकरण से मानव देह प्राप्त कर, नियति द्वारा निर्धारित कार्यों के निष्पादन हेतु इस जगत में होता है, पुण्यात्मा अपने निर्धारित कार्यों को समयापूर्व पूर्ण कर, समस्त लौकिक जगत को हतप्रभ छोड़कर ईश्वर में विलीन हो जाती है।" Translated in English   The eternal imperishable divine part emerges in this world, after acquiring a human body by the adoption of the five great elements, to perform the tasks determined by destiny, the virtuous soul completes its assigned tasks before time, leaving the entire worldly world bewildered and merges in God. She goes.